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चित्रगुप्त महिमा: राष्ट्रीय चित्रगुप्त महापरिषद बैठक 28-10-2012
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चित्रगुप्त महिमा. Link=http:/ www.myscraps.co.in]. Http:/ www.myscraps.co.in[/b]. गुरुवार, 1 नवंबर 2012. राष्ट्रीय चित्रगुप्त महापरिषद बैठक 28-10-2012. राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद. कायस्थ सभाओं / संस्थाओं / मंदिरों / धर्मशालाओं / शिक्षा संस्थाओं / पत्र पत्रिकाओं का परिसंघ ). कार्यालय :. राष्ट्रीय अध्यक्ष: जे. ऍफ़. १/७१, ब्लोक ६, मार्ग १० राजेन्द्र नगर पटना ८०००१६ बिहार. सामाजिक प्रस्ताव:. राजनैतिक प्रस्ताव:. धार्मिक प्रस्ताव:. 9 समकालिक कायस्थ महर्षियों महर&#...14 गरीबी रेखा के...14 निर्धन...यम दî...
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चित्रगुप्त महिमा: May 2012
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चित्रगुप्त महिमा. Link=http:/ www.myscraps.co.in]. Http:/ www.myscraps.co.in[/b]. बुधवार, 9 मई 2012. चित्रगुप्त रहस्य: संजीव 'सलिल'. चित्रगुप्त रहस्य:. संजीव 'सलिल'. चित्रगुप्त प्रणम्यादौ वात्मानाम सर्व देहिनाम. दूज पूजन के दिन कायस्थ इसी गूढ़ दर्शन को पूजन के माध्यम से व्यक्त करते हैं कैसे? आप जानते हैं तो बतायें अन्यथा पूछें. Acharya Sanjiv verma 'Salil'. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. लेबल: चित्रगुप्त. संजीव सलिल. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग आर्काइव.
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चित्रगुप्त महिमा: November 2012
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चित्रगुप्त महिमा. Link=http:/ www.myscraps.co.in]. Http:/ www.myscraps.co.in[/b]. शुक्रवार, 9 नवंबर 2012. Origin of Bhagvan Chitragupt and Kayasthas. Origin of Bhagvan Chitragupt and Kayasthas. दुंय्थो. ल्तिप्लेप. य्क्लेइ. न्वोल्वी. G re-birth। It is believed that tho स. E who do not attain a balance between थे. D-deeds and misdoing, have to attain re-birth in any living form , to c ॐ. Plete the LIFE CYCLE. The primary duty awarded to Shri Chitragupt Ji was to create LOG of the lives of all living beings...
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चित्रगुप्त महिमा: May 2010
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चित्रगुप्त महिमा. Link=http:/ www.myscraps.co.in]. Http:/ www.myscraps.co.in[/b]. गुरुवार, 13 मई 2010. मुक्तिका: कुछ हवा दो. - संजीव 'सलिल'. मुक्तिका:. संजीव 'सलिल'. कुछ हवा दो अधजली चिंगारियाँ फिर बुझ न जाएँ. शोले जो दहके वतन के वास्ते फिर बुझ न जाएँ. खुद परस्ती की सियासत बहुत कर ली, रोक दो. लहकी हैं चिंगारियाँ फूँको कि वे फिर बुझ न जाएँ. प्यार की, मनुहार की, इकरार की, अभिसार की. मशालें ले फूँक दो दहशत, कहीं फिर बुझ न जाएँ. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. लेबल: acharya sanjiv salil. नई पोस्ट.
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दोहा सलिला doha salila: chhand salila: vidhata chhand -sanjiv
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दोहा सलिला doha salila. ताज़ा प्रविष्ठियों की सूचना. विजेट आपके ब्लॉग पर. अंगरेजी. एक ग़ज़ल: मनु बेतखल्लुस. कुण्डली: टिप्पणी महिमा - सलिल. क्रन्तिकारी. ग़ज़ल: मनु बेतखल्लुस. चंद्रशेखाए आजाद. जनतंत्री. जिंदगी. दिल्ली. दोहे: आचार्य संजीव सलिल. नवगीत: आचार्य संजीव सलिल. परमात्मा. पारस मिश्र. प्रो. दिनेश खरे. भजन:मिथिला में सजी बरात-स्व. शान्तिदेवी. मातृ नर्मदे: गोविंदप्रसाद तिवारी देव. विन्ध्य. शत्रुघ्न. शोक गीत. संजीव सलिल. सिन्दूर. हँसिया. Acharya sanjiv verma salil. Pro satya sahay shrivastav. १ न बí...
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शब्दकार: May 2010
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ओबाबा कृष्ण! संभाल लेना यार मुझको.हम सबको! ओबाबा कृष्ण! संभाल लेना यार मुझको.हम सबको! संभालेगा ना ओ मेरे यार? प्रस्तुतकर्ता. राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ). कोई टिप्पणी नहीं:. सुरेन्द्र अग्निहोत्री की कविता - वे ललितपुर को नहीं जानते हैं. नदियों. तालाबों. वालों. आत्महत्या. वालों. झुनारे. लोचनाचार्य. सुदामा. बाहों. गलियों. सुम्मेरा. जिन्होंने. मृत्यु. जिन्होने. वंशीपान. उन्होंने. चन्द्रकार. रसगुल्ले. जिन्होंने. क्यों. जिन्होने. लिखलें. सुरेन्द्र. अग्निहोत्री. 120/132 बेलदारी लेन,. लालबाग, लखनऊ. आने दो...
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आचार्य संजीव 'सलिल' की लघु कथाएँ: laghukatha: shabd aur arth -sanjiv
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आचार्य संजीव 'सलिल' की लघु कथाएँ. शनिवार, जून 14, 2014. Laghukatha: shabd aur arth -sanjiv. बोध कथा:. शब्द और अर्थ. संजीव 'सलिल'. हैरान होते हुए कोशकार ने पूछा- ' अभी-अभी तो मैंने तुम सबको सही स्थान पर रखा था, तुम बाहर क्यों आ गये? इसलिए कि तुमने हमारे जो अर्थ लिखे हैं वे सरासर ग़लत लगते हैं. एक स्वर से सबने कहा. एक-एक कर बोलो तो कुछ समझ सकूँ.' कोशकार ने कहा. प्रस्तुतकर्ता sanjiv verma. चिप्प्पियाँ laghukatha. 0 टिप्पणियाँ:. एक टिप्पणी भेजें. पुरानी पोस्ट . मुख्यपृष्ठ. दिव्य नर्मदा. लघु कथा.
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चिंतन सलिला: chhand salila: geetika chhand -sanjiv
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चिंतन सलिला. गुरुवार, 5 जून 2014. Chhand salila: geetika chhand -sanjiv. गीतिका छंद. छंद लक्षण: प्रति पद २६ मात्रा, यति १४-१२, पदांत लघु गुरु. लक्षण छंद:. लोक-राशि गति-यति भू-नभ , साथ-साथ ही रहते. लघु-गुरु गहकर हाथ- अंत , गीतिका छंद कहते. 8203; १. चौपालों में सूनापन , खेत-मेड में झगड़े. उनकी जय-जय होती जो , धन-बल में हैं तगड़े. खोट न अपनी देखें , बतला थका आइना. कोई फर्क नहीं पड़ता ,. अगड़े हों या पिछड़े. आइए, फरमाइए भी , ह्रदय में जो बात है. 8203; . 8203; . 8203; . एक सा रहता समय कब. नई पोस्ट.
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सिद्धसंत देवरहा बाबा: July 2013
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सिद्धसंत देवरहा बाबा. यह चिटठा (ब्लॉग) समयजयी सिद्ध संत देवरहा बाबा के अमर उपदेशों, अलौकिक जीवन तथा जनकल्याण कार्यक्रमों के प्रचार, प्रसार एवं विश्व बंधुत्व हेतु समर्पित है. रविवार, 28 जुलाई 2013. Doha salila: gat-aagat -SANJIV. दोहा सलिला:. गर्व न जिनको विगत पर, जिन्हें आज पर शर्म।. बदकिस्मत हैं वे सभी, ज्ञात न जीवन मर्म।।. विगत आज की प्रेरणा, बनकर करे सुधार।. कर्म-कुंडली आज की, भावी का आधार।।. गत-आगत दो तीर हैं, आज सलिल की धार।. Http:/ divyanarmada.blogspot.in. 1 टिप्पणी:. नई पोस्ट.
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