kumarambuj.blogspot.com
कुमार अम्बुज: January 2013
http://kumarambuj.blogspot.com/2013_01_01_archive.html
कुमार अम्बुज. मंगलवार, 29 जनवरी 2013. पाठ्य पुस्तकें और राष्ट्रीय कविता. असुविधा ब्लॉग पर यह आलेख कवि अशोक कुमार पांडे ने दिया था।. यहॉं अपने ब्लॉग पर महज दस्तावेजीकरण के लिए और. उन साथियों के लिए जिन्होंने इसे पूर्व में नहीं पढ़ा है।. पाठ्य पुस्तकें और राष्ट्रीय कविता. जैसे राष्ट्र सिर्फ सीमाओं से बनता है, किसी मनुष्य समाज से नहीं।. प्रस्तुतकर्ता. कुमार अम्बुज. 1 टिप्पणी:. मंगलवार, 8 जनवरी 2013. जीवन का चुनाव. वाया-पुष्यमित्र. मैंने. मैंने. पुष्यमित्र. प्रस्तुतकर्ता. लड़कियो! धरती की...टॉप...
kumarambuj.blogspot.com
कुमार अम्बुज: February 2014
http://kumarambuj.blogspot.com/2014_02_01_archive.html
कुमार अम्बुज. शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014. प्रेम के लिए संस्कृति की दुहाई. यह आलेख, दखल प्रकाशन द्वारा अगले सप्ताह में प्रकाश्य विचार-पुस्तिका 'क्षीण संभावना की कौंध' में संकलित है। आज के दिन इसे शेयर करना प्रासंगिक होगा।. खबरें आती ही रहती हैं कि प्रेमी युगलों को पार्कों से, धार्मिक परिसरों से, प्राकृतिक. मन में कभी प्रेम का बीज प्रस्फुटित न हुआ हो। उस प्रेम का गौरव या उसकी कसक. फिल्में, लोकगीत और साहित्य का उल्लेखनीय हि...है। उनकी लोकप्रियता मेæ...दमित भावनाओं की...स्त्री-प&...कितनì...
kumarambuj.blogspot.com
कुमार अम्बुज: July 2015
http://kumarambuj.blogspot.com/2015_07_01_archive.html
कुमार अम्बुज. शुक्रवार, 10 जुलाई 2015. जब सोने में जंग लगेगी तो लोहा क्या करेगा- तीसरी किश्त. हालॉंकि अनेक लेखक ऐसे भी हैं जो इनमें सहज ही उपस्थित होते रहे हैं।. बहरहाल, उसी श्रंखला में आज यह एक वक्तव्य और जारी किया है।. और अब यह तीसरा वक्तव्य'. 10 जुलाई 2015. प्रिय लेखको,. लेकिन उस दिन तुम्हारे पक्ष में बोलने वाला कोई नहीं होगा. क्या आज के ये लेखक सिर्फ काग़ज़ के भोंपू हैं? पहले वे यहूदियों के लिये आये. और मैं चुप रहा. और तब भी मैं चुप रहा. और मैं चुप रहा. 1 टिप्पणी:. नई पोस्ट. यह दूसरा...
kumarambuj.blogspot.com
कुमार अम्बुज: July 2014
http://kumarambuj.blogspot.com/2014_07_01_archive.html
कुमार अम्बुज. शुक्रवार, 25 जुलाई 2014. जिसने अपनी आवाज का कभी सौदा नहीं किया. पियानो. उसके विशाल पहलू में हमेशा. एक मनुष्य के लिये जगह खाली है. वह जगह दिन-रात तुम्हारी प्रतीक्षा करती है. उसे वही बजा सकता है. जिसे कुछ अंदाजा हो जीवन की मुश्किलों का. जो रात का गाढ़ापन, तारों का प्रकाश और चांद का एकांत याद रखता है. उसमें से, तुमने सुना होगा, मादक आवाज उठती है. जिसमें शामिल होता है एक रुंधा हुआ स्वर. जो किसी बेचैन आदमी का ही हो सकता है. वह उस राजा की तरह दिखेगा. उसे कौन छुयेगा? जो अपनी पहचान. 2 टिप...
kumarambuj.blogspot.com
कुमार अम्बुज: December 2012
http://kumarambuj.blogspot.com/2012_12_01_archive.html
कुमार अम्बुज. शनिवार, 29 दिसंबर 2012. यहॉं बैरीकेड्स लगे हैं. इससे आगे जाना लाठीचार्ज के लिए आमंत्रण है. प्रधानमंत्री से आप मिल नहीं सकते. आपको बता दिया गया है कि ज्ञापन. उधर चौकीदार को भी दिया जा सकता है. हर चीज की एक मर्यादा है. यदि आपको लगता है कि आप ज्यादा योग्य हैं. तो फिर सांसद का चुनाव क्यों नहीं लड़ते हैं. वैसे भी ऑंसूगैस ही पहले छोड़ी जाएगी. हम कहना चाहते हैं कि हम पर अत्याचार हुआ है. हमें नहीं मिला है न्याय. एक उजड़ा गॉंव. फिर। फिर।. अब गोली चलाई जाएगी।. और इसी प्रक्र...इस कवित&#...
kharibaaten.blogspot.com
खरी खरी: May 2012
http://kharibaaten.blogspot.com/2012_05_01_archive.html
खरी खरी. यार दोस्त. जानकीपुल. जम्मू-कश्मीर के कवि कमलजीत चौधरी की कविताएँ. कबाड़खाना. ज़ुल्फ़ बिखरा के निकले वो घर से. बेकल उत्साही को श्रद्धांजलि. उनकी इसी ग़ज़ल से पहले पहल उनसे तार्रुफ़ हुआ था. आवाज़ अहमद हुसैन-मुहम्मद हुसैन की -. असुविधा. चेष्टा सक्सेना के छंद. नया जमाना. फिदेल की माँ , धर्म और गरीबी. उदयपुर मे "प्रतिरोध का सिनेमा" रुकवाने की संघी कोशिश. कुमार अम्बुज. युवा दखल. मैने खुद को खोज लिया.तो हंगामा हो गया. बहादुर का संतूर. पावों में भंवरा. फिराक साहब. युवा संवाद. चोखेर बाली. Tuesday 15 May 2012.
darasalyoon.blogspot.com
दरअसल…: उलझन
http://darasalyoon.blogspot.com/2010/12/blog-post.html
आइये बहसें. कविताएँ. कवितायेँ. पहली पोस्ट. ब्लॉग आर्काइव. छोटी छोटी कुछ कविताएं. प्रस्तुतकर्ता Pawan Meraj पर 10:06 am. एक चेहरा.हजारों शिकन. हर शिकन.हजार किस्से. कौन लगाए किसका हिसाब. कितना गम है किसके हिस्से. रस्ते में ही खो जाती हैं. सपनों की सब बातें. अब भीगें हम किस सावन में. कौन करे बरसातें. दिन भी देखो खूब जलाए. डंसती काली रातें. दिन की भी है अपनी कहानी. रात के अपने किस्से. कौन लगाए किसका हिसाब. कितना गम है किसके हिस्से. किसी ने खोया अपना बचपन. खोए कोई जवानी. सबकी अपनी कहानी. कितना गम ...कौन...
darasalyoon.blogspot.com
दरअसल…: April 2010
http://darasalyoon.blogspot.com/2010_04_01_archive.html
आइये बहसें. कविताएँ. कवितायेँ. पहली पोस्ट. ब्लॉग आर्काइव. छोटी सी बज़ और बड़ी बहस. एक सैनिक की मौत. जिंदगी खूबसूरत . छोटी सी बज़ और बड़ी बहस. 1 टिप्पणियाँ. प्रस्तुतकर्ता Pawan Meraj पर 8:41 am. Ashok paney ki buzz :एक सवाल - सबसे अहिंसक होने का दावा करने वाले धर्म का एक देवता बताईये जिसके हांथ में हथियार न हों? दिवाकर मणि - जैन संप्रदाय इसका उदाहरण है17 Apr. आपकी नजर में संप्रदाय क्या है? और धर्म क्या है? Rajeev Nandan Dwivedi - @अशोक कुमार पाण्डेय : (सबसे अह...अस्त्र-शस्त्र क...दिवाकर मण...महो...
darasalyoon.blogspot.com
दरअसल…: September 2009
http://darasalyoon.blogspot.com/2009_09_01_archive.html
आइये बहसें. कविताएँ. कवितायेँ. पहली पोस्ट. ब्लॉग आर्काइव. बच्चे और हम. जो कहना है मुझे. बच्चे और हम. 2 टिप्पणियाँ. प्रस्तुतकर्ता Pawan Meraj पर 10:35 am. बच्चों. या फिर बच्चों द्वारा अपने बड़ों की इच्छा जान लेने की क्षमता का परिणाम! इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: विचार. जो कहना है मुझे. 0 टिप्पणियाँ. प्रस्तुतकर्ता Pawan Meraj पर 9:42 am. शायद पता भी नही मुझे वो जो कहना है. कुछ आपबीती और बहुत कुछ जगबीती. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: पहली पोस्ट. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कबाड़खाना. 2 दिन पहले. 4 दिन पहले.
economyinmyview.blogspot.com
अर्थात: भूमण्डलीय गांव में भूख का सवाल
http://economyinmyview.blogspot.com/2010/04/blog-post.html
विकास के दावों के बीच हक़ीक़त की तलाश. शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010. भूमण्डलीय गांव में भूख का सवाल. एक आर्थिक सर्वसत्ता वाद गोलियों से नहीं वरन अकालों से हत्या करता है।. मिशेल चोसडुवस्की , ग्लोबलाईजेशन आफ़ पावर्टी में. दूसरे शब्दों में एक बड़ी आबादी दो जून के भोजन से भी वंचित रही।). ऐसे में एशिया और अफ्रीका के हालात कोई भी समझ सकता है।. हिये। ( देखें फ्रंटलाईन, 23 अप्रैल,2010, पेज़ 11). प्रस्तुतकर्ता. लेबल: गरीबी. रिपोर्ट. 5 टिप्पणियां:. अजित वडनेरकर. ने कहा…. महत्वपूर्ण आलेख।. शरद कोकास. नई पोस्ट. ब्ल...