galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: November 2008
http://galikartar.blogspot.com/2008_11_01_archive.html
गली करतार सिंह. Tuesday, November 18, 2008. उस शहर में मेरा घर भी था. खाने-पीने के तौर तरीके सीखे.ढाबों में बटर के साथ रोटी और अंडे की. भुज्जी. दाल फ्राइ. का सलीका सीखा. जिंदगी में अभी कई मोड़ आने बाकी थे.गली करतार की अपनी जिंदगी थी.अपने उसूल थे.लेकिन ये किस्सा फिर कभी. Links to this post. Monday, November 17, 2008. उसे भूलने की दुआ करो! Links to this post. Saturday, November 1, 2008. बंद गली का आखिरी मकान! Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. Enter your email address:.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: October 2009
http://galikartar.blogspot.com/2009_10_01_archive.html
गली करतार सिंह. Sunday, October 25, 2009. तब कलेजा फट गया. भावुक नहीं हूं. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile. Enter your email address:. ये दुनिया. कोई है. एक तुम ही नहीं तनहा. अतीत उवाच. प्रबुद्ध के बहाने. राजीव की सुनिए. सत्येंद्र जी की भूख. क़िस्सागो. इस गली में कई गलियां हैं. तब कलेजा फट गया.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: दिल्ली टू रैय्याम वाया पटना दरभंगा-पार्ट-1
http://galikartar.blogspot.com/2010/03/1.html
गली करतार सिंह. Saturday, March 27, 2010. दिल्ली टू रैय्याम वाया पटना दरभंगा-पार्ट-1. रात भर के सफर में नींद ठीक ठाक आई। सुबह होते होते ट्रेन पटना पहुंच गई. वैसे पूरा किस्सा बताते बताते ये जरूर साफ कर दूं कि मकसद कहीं से बिहार के विकास की परख का नहीं है,. आप का दर्द लाजमी हे. March 27, 2010 at 4:17 PM. बाकी सब तो ठीक है वो अन्नू बाबू का क्या हुआ? March 27, 2010 at 8:48 PM. अच्छी यादगार ;-). हां, अन्नू बाबू का क्या हुआ! June 6, 2010 at 5:39 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). View my complete profile.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: March 2010
http://galikartar.blogspot.com/2010_03_01_archive.html
गली करतार सिंह. Saturday, March 27, 2010. दिल्ली टू रैय्याम वाया पटना दरभंगा-पार्ट-1. रात भर के सफर में नींद ठीक ठाक आई। सुबह होते होते ट्रेन पटना पहुंच गई. वैसे पूरा किस्सा बताते बताते ये जरूर साफ कर दूं कि मकसद कहीं से बिहार के विकास की परख का नहीं है,. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile. Enter your email address:. ये दुनिया. कोई है. एक तुम ही नहीं तनहा. अतीत उवाच. प्रबुद्ध के बहाने. राजीव की सुनिए. क़िस्सागो.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: ....तब कलेजा फट गया
http://galikartar.blogspot.com/2009/10/blog-post.html
गली करतार सिंह. Sunday, October 25, 2009. तब कलेजा फट गया. भावुक नहीं हूं. वाणी गीत. त्योहारों की यादों को ज्यादा धार्मिक नहीं होने के बाद भी भुलाया नहीं जा सकता . हर आस्था का तर्क के साथ भी विश्लेषण नहीं किया जा सकता ! October 25, 2009 at 4:14 AM. सतीश पंचम. Nostalgic होना भी एक सुख है मित्र।. October 25, 2009 at 6:09 AM. October 25, 2009 at 11:24 AM. October 26, 2009 at 5:48 PM. February 27, 2010 at 3:18 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: इस शोक का कोई नाम नहीं
http://galikartar.blogspot.com/2012/09/blog-post.html
गली करतार सिंह. Saturday, September 29, 2012. इस शोक का कोई नाम नहीं. नोट: पंत जी का निधन कुछ अरसा पहले हुआ.ये पंक्तियां तभी की लिखी हुई हैं जिन्हें मैं अब जाकर पब्लिश कर पा रहा हूं. Subscribe to: Post Comments (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile. Enter your email address:. ये दुनिया. कोई है. एक तुम ही नहीं तनहा. अतीत उवाच. प्रबुद्ध के बहाने. राजीव की सुनिए. सत्येंद्र जी की भूख. क़िस्सागो. इस गली में कई गलियां हैं. इस शोक का कोई नाम नहीं.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: March 2007
http://galikartar.blogspot.com/2007_03_01_archive.html
गली करतार सिंह. Sunday, March 25, 2007. जब बौराए मन. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile. Enter your email address:. ये दुनिया. कोई है. एक तुम ही नहीं तनहा. अतीत उवाच. प्रबुद्ध के बहाने. राजीव की सुनिए. सत्येंद्र जी की भूख. क़िस्सागो. इस गली में कई गलियां हैं. जब बौराए मन.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: अपने-अपने दोजख
http://galikartar.blogspot.com/2009/11/blog-post.html
गली करतार सिंह. Wednesday, November 4, 2009. अपने-अपने दोजख. ख्वाबों के जंगल में भटकते हुए. पीली धूप के किसी पेड़ तले. उकताए, हारे, हांफते. एक दूसरे को निहारते. फेरन लवली (फेयर एंड लवली).ये भी ऐसा ही एक लफ्ज है. अल्लन भी आपको ऐसे ही सिहरने के लिए मजबूर कर देगा. एक जानकारी- ये किताब राधाकृष्ण प्रकाशन ने छापी है. Labels: साहित्य. November 10, 2009 at 1:52 AM. डॉ .अनुराग. November 10, 2009 at 2:07 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). कितना मुश्किल है. View my complete profile. Enter your email address:.
galikartar.blogspot.com
गली करतार सिंह: June 2009
http://galikartar.blogspot.com/2009_06_01_archive.html
गली करतार सिंह. Sunday, June 14, 2009. हो सके तो माफ कर देना. लेकिन ये वाकया ऐसा नहीं है.आप चलते भी बने तो ये आपका पीछा नहीं छोड़ेगा. अंत में. आखिर कहूं तो क्या कहूं.लिखूं तो क्या लिखूं.सिवा इसके कि कैलाश हो सके तो माफ कर देना. Links to this post. Wednesday, June 10, 2009. टीवी, टीआरपी औऱ गरियाने का समाजशास्त्र! Links to this post. Sunday, June 7, 2009. अजीब दास्तां है ये. तो क्या सबकुछ यूं ही चलता रहता है! Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. Enter your email address:.