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हिंदी जहाँ: 09/2008
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Monday, September 15, 2008. आप की याद आती रही . मक़्दूम मोहिउद्दीन. की एक मशहूर ग़ज़ल पेश-ऐ-खिदमत है. आप की याद आती रही रात भर. चश्म-ऐ-नम मुस्कुराती रही रात भर. रात भर दर्द की शमा जलती रही. ग़म की लौ थरथराती रही रात भर. बांसुरी की सुरेली सुहानी सदा. याद बन बन के आती रही रात भर. याद के चाँद दिल में उतरते रहे. चांदनी जगमगाती रही रात भर. कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा. कोई आवाज़ आती रही रात भर. Posted by हैदराबादी. Links to this post. कì...
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हिंदी जहाँ: स्वागत 2010
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Saturday, January 2, 2010. स्वागत 2010. नया साल आया है. वीरान सुबह के नीले आसमाँ से उभरता. ठिठरती खमुशी में बर्फ़ीली सीटी बजाता. दबे पाऊँ आया. ठंडी शामों की खमुशियाँ. उसके क़दमों की आहट समेटे. रास्तों में, साएबानों में सिसक रही हैं. निकल आती है शब् को दरीचों की छिदों से. पुरजोश झोंकों की बेतहाशा ठंडक. ठन्डे पानियों के परिंदे. आंगनों में , छतों पर खड़े लोग. Posted by हैदराबादी. नव वर्ष शुभ कामनाएं. बहुत बढ़िया! January 2, 2010 at 5:51 AM.
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हिंदी जहाँ: बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Sunday, December 6, 2009. बाबरी मस्जिद - 6-Dec-1992. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! Posted by हैदराबादी. बाबरी मस्जिद. इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद. December 6, 2009 at 8:36 PM. तुझ से महरूमी का ग़म सदयौं रूलाए गा मगर. अपने दीवानों को जीने का हुन्र देकर गयी! सब्र का दामन थामें.अल्लाह निगेहबान है. December 6, 2009 at 8:38 PM. राज भाटिय़ा. December 6, 2009 at 10:10 PM. Google ह&...
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October 2008 | साझा-सरोकार
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मुखपृष्ठ. साझा-सरोकार. तेरी शर्ट हमसे ज्यादा सफ़ेद क्यों. की तर्ज़ पर मीनारों और. गुम्बदों को ऊँचा. करने और सड़कों पर. नमाज़ व आरती करने की आज होड़ लगी है.धार्मिक होने का प्रदर्शन खूब. हो रहा है जबकि ऐसी धार्मिकता हमें धर्मान्धता की ओर घसीट. ले जा रही है.जो खतरनाक है.देश की गंगा-जमनी संस्कृति को. इससे काफी चोट पहुँच रही है. सर्व-धर्म समभाव. विशवास है. मतभेदों का भी यहाँ स्वागत है.वाद-ववाद से ही तो. संवाद बनता है. On शनिवार, 11 अक्तूबर 2008. २५ सितम्बर को फिरदौस. की हार्ड लायनर छब&#...हम कितने ...सोच...
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हिंदी जहाँ: 09/2016
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Tuesday, September 27, 2016. गूगल को 18 वां जन्मदिन मुबारक. ब्लॉग की दुनिया में 3 साल बाद दुबारा हाज़री लगा रहा हूँ. और आज तो शुभ दिन भी है. गूगल का 18 वां जन्मदिन।।. मज़ेदार बात यह है कि गूगल ने चार अलग अलग दिनों को अपनी बर्थडे का दिन माना है।. 18 वीं बर्थडे पर Google का Doodle यह रहा :. Posted by हैदराबादी. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ मेरे बारे में. हैदराबादी. हैदराबाद, भारत. Awaz Do Hum Ko.
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हिंदी जहाँ: 01/2009
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Thursday, January 22, 2009. तू ने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था. हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह. सिर्फ़ एक बार मुलाक़ात का मोक़ा दे दे. मेरी मंजिल है कहाँ , मेरा ठिकाना है कहाँ. सुबह तक तुझ से बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ. सोचने के लिए एक रात का मोक़ा दे दे. अपनी आंखों में छुपा रखे हैं जुगनू मैंने. अपनी पलकों पर सजा रखे हैं आंसू मैंने. आज की रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले. क़ैसर-उल-जाफ़री. Posted by हैदराबादी. Links to this post. मि...
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हिंदी जहाँ: 07/2013
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हिंदी जहाँ. उर्दू जहाँ (शेर-ओ-अदब की तहज़ीब). हिंदी देवनागरी लिपि में. Sunday, July 7, 2013. यह पाकिस्तान है. पाकिस्तानी समाज में जिसको भी आएना दिखाया जाये तो जवाब मिलता है के फ़लाँ फ़लाँ के चहरे पर भी तो पिछले साल चिचेक निकल आई थी।. मुबारक हो पाकिस्तानियो! Posted by हैदराबादी. Links to this post. पाकिस्तान. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ मेरे बारे में. हैदराबादी. हैदराबाद, भारत. दिलचस्पियाँ:. उर्दू अदब और शाएरी , तंज़-ओ-मिज़ाह. ब्लॉग की तहरीरें. यह पाकिस्तान है. Awaz Do Hum Ko.
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी: आती तो है, इन छिछोरों के लक्खन देख कर लौट जाती है
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी. AN NEW CREATION BY LAUGHTER CHAMPION ALBELA KHATRI. Sunday, December 13, 2009. आती तो है, इन छिछोरों के लक्खन देख कर लौट जाती है. मित्रो. चुटकियाँ. टेंशन पॉइंट. शंकर फुलारा. नेताओं की पैदाईश पर रोक कैसे लगे? असामाजिक. तत्वों. दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi. और क्या कर रहे हो आजकल/कविता के अलावा. चिन्ता. ट्रैफिक. क्यों. नन्ही कोपल. कोपल कोकास. प्यार का एहसास. ज़िन्दगी. बिटिया. तुम्हारी. Posted by Mithilesh dubey at Dubey. तुम्हारे. INext में 'हलंत'. युवा व...Posted by...
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अंतरतम - Antartam: November 2008
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अंतरतम - Antartam. मैं अंतरतम की आशा हूँ.मन की उद्दाम पिपासा हूँ, जो सदा जागती रहती है.ऐसी उर की अभिलाषा हूँ. Saturday, November 29, 2008. बैठे दिल्ली में नपुंसक साले. कुछ लोगों ने अलबत्ता बहुत अच्छा लिखा। समय हो तो शमा जी का लेख यहाँ से जरूर पढिये।. किसी ब्लॉग में एक कविता पढ़ी थी।. वो निहत्थों पे वार करते हैं. रोज़ ताज़ा शिकार करते हैं. बैठे दिल्ली में नपुंसक साले,. देश को शर्मशार करते हैं. पूरी ग़ज़ल यहाँ. से पढ़ें -. Labels: आतंकवाद. पत्रकारिता. Subscribe to: Posts (Atom). चंडीगढ़.
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी: December 2009
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी. AN NEW CREATION BY LAUGHTER CHAMPION ALBELA KHATRI. Sunday, December 13, 2009. आती तो है, इन छिछोरों के लक्खन देख कर लौट जाती है. मित्रो. चुटकियाँ. टेंशन पॉइंट. शंकर फुलारा. नेताओं की पैदाईश पर रोक कैसे लगे? असामाजिक. तत्वों. दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi. और क्या कर रहे हो आजकल/कविता के अलावा. चिन्ता. ट्रैफिक. क्यों. नन्ही कोपल. कोपल कोकास. प्यार का एहसास. ज़िन्दगी. बिटिया. तुम्हारी. Posted by Mithilesh dubey at Dubey. तुम्हारे. INext में 'हलंत'. युवा व...Posted by...