vandana-zindagi.blogspot.com
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़रज़िन्दगी को खोजता एक सफ़र
http://vandana-zindagi.blogspot.com/
ज़िन्दगी को खोजता एक सफ़र
http://vandana-zindagi.blogspot.com/
TODAY'S RATING
>1,000,000
Date Range
HIGHEST TRAFFIC ON
Monday
LOAD TIME
0.9 seconds
16x16
32x32
64x64
128x128
PAGES IN
THIS WEBSITE
20
SSL
EXTERNAL LINKS
346
SITE IP
216.58.216.193
LOAD TIME
0.859 sec
SCORE
6.2
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र | vandana-zindagi.blogspot.com Reviews
https://vandana-zindagi.blogspot.com
ज़िन्दगी को खोजता एक सफ़र
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: August 2014
http://vandana-zindagi.blogspot.com/2014_08_01_archive.html
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शुक्रवार, 22 अगस्त 2014. गदर का कारण. चलो बदल लो तुम अपना धर्म अपनी भाषा और मैं भी. तो क्या संभव होगा तब भी सुकून की करवट लेना. या चलो ऐसा करो खत्म करो हर धर्म को दुनिया से. खत्म करो हर भाषा का व्याकरण. फिर से पहुँचें हम उसी आदिम युग में. जहाँ न धर्म था न भाषा. और गुजर जाता था जीवन तब भी शिकार करते करते. क्या वो सही था. आसान है. क्योंकि. क्योंकì...काजल क...
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं ?..........3
http://vandana-zindagi.blogspot.com/2015/07/3.html
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शुक्रवार, 3 जुलाई 2015. कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं? पहली बार. तुम मुझसे दूर हुए. सबकी उम्मीदों को पूर्णतयः नकारते हुए. मैंने बाँधी छाती पर सिल. और किया तुम्हें विदा. बिना आँख में पानी लाये. आखिर तुम्हारे भविष्य का सवाल है. कैसे कर सकती थी अपशकुन. मगर माँ हूँ न. धक् धक् करता रहा सीना. हर पल ध्यान तुम पर ही लगा रहा. रह रह मुझे मथ रही है. 1 टिप्पणी:. सूचनì...
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं ?.........5
http://vandana-zindagi.blogspot.com/2015/07/5.html
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. रविवार, 5 जुलाई 2015. कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं? आज मेरा बेटा ईशान २१ साल का हो गया . पीछे मुड़कर देखती हूँ तो पता ही नहीं चलता कहाँ गुजरा इतना वक्त. नौकरी जरूरी है. उस पर मन का काम मिल जाए. तो सोने पर सुहागा हो जाता है. और तुमने वो सब पाया जो तुमने चाहा. और कहीं न कहीं शायद मैंने भी. होना होगा तुमसे दूर . गुजरना होगा इस दौर से. ने कहा…. ने कहा…. प्रका...
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं ?.........4
http://vandana-zindagi.blogspot.com/2015/07/4.html
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शनिवार, 4 जुलाई 2015. कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं? अनगिनत चिंताओं की लेके थाती. बाट जोहेगी तुम्हारी माँ' कह. नहीं विदा किया तुझे. फिर भी जाने कहाँ से. चिंताओं के बादल घुमड़ रहे हैं. क्योंकि जानती हूँ समय के चक्र को. ये कब बाज आया है. तुम्हें जाना ही होगा एक दिन दूर. अभी तो फिर भी आस जिंदा है. कुछ दिनों की बात है मगर. क्या होगा उस दिन. फिर भी. में सî...खुद...
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच
http://vandana-zindagi.blogspot.com/2015/05/blog-post_21.html
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. गुरुवार, 21 मई 2015. उम्र के विभाजन और तुम्हारी कुंठित सोच. स्त्रियां नहीं होतीं हैं. चालीस , पचास या अस्सी साला. और न ही होती हैं सोलह साला. यौवन धन से भरपूर. हो सकती हैं किशोरी या तरुणी. प्रेयसी या आकाश विहारिणी. हर खरखराती नज़र में. गिद्ध दृष्टि वहाँ नहीं ढूँढती. यौवनोचित्त आकर्षण. वहाँ होती हैं बस एक स्त्री. वो बेशक उगा लें. कभी मुफ़ीद जगह. तुम्हा...स्त्...
TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE
20
मेरी पत्रिका: 01/2012
http://meri-patrika.blogspot.com/2012_01_01_archive.html
मेरी पत्रिका. मेरी पत्रिका" के अंजुमन में आप का स्वागत है. Happy Valentine's Day- 2013. Happy Valentine's Day -2013. The last day of this year. Thanks to those who hated me,. They made me a stronger person. Thanks to those who loved me. They made my heart bigger. Thanks to those who were worried about me. They let me know that they actually cared. Thanks to those who left me. They made me realize that nothing lasts for ever. Wish you an excellent 2012 with peace, prosperity and happiness. January 3, 2012.
चलो यूँ ही सही...: 2010-05-09
http://karnanupam.blogspot.com/2010_05_09_archive.html
चलो यूँ ही सही. Friday, May 14, 2010. याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे- अहमद फराज. ऐसे चुप हैं, कि यह मंजिल की कड़ी हो जैसे. तेरा मिलना भी जुदाई की घड़ी हो जैसे. अपने ही साए से हर गाम लरज जाता हूँ. रास्ते में कोई दीवार खड़ी हो जैसे. कितने नादां हैं तेरे भूलने वाले कि तुझे. याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे. तेरे माथे की शिकन पहले भी देखी थी मगर. यह गिरह अब के मेरे दिल में पड़ी हो जैसे. मंजिलेँ दूर भी है, मंजिलेँ नजदीक भी है. Sunday, May 9, 2010. उम्र भर हम सोचते ही रह गए हर मोड़ पर. Subscribe to: Posts (Atom).
चलो यूँ ही सही...: 2010-04-18
http://karnanupam.blogspot.com/2010_04_18_archive.html
चलो यूँ ही सही. Saturday, April 24, 2010. सौदेबाज़ों से दोस्ती न की , वो दोस्ती में खूब सौदा करना. मंज़र-ए-इश्क का फूलना फलना. ये दरिया-ए-मय है या फिर कोई दवाखाना. देर शब् तेरी जुम्बिश की आखिरी वो खलिश. हमने खोया था तुझे अब तेरा पाना. रूह को भी गम है तेरे फिराक का. कैडे हयात में इक आस्तां है सागर-ओ-मीना. तुम थे तो एक शहर थी हयात में. अब एक दलील हूँ उस्सक बूटों का बना. इश्क एक दरिया-ए-ज़ख्म है या बाज़ीचा-ए-अत्फाल. Labels: अनुपम कर्ण. Monday, April 19, 2010. आये बनकर उल्लास अभी. आबाद रहे रì...हम सî...
*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ..
http://jayantchaudhary.blogspot.com/2014/07/normal-0-false-false-false-en-us-x-none.html
जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Friday, July 11, 2014. उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ. उम्र के इस पड़ाव पर, कुछ भूल चला हूँ. कुछ छोड़ चला हूँ, तो कुछ बाँध चला हूँ. मीठी सी जो यादें हैं उन्हें गाँठ रखा है,. कड़वी सी कुछ साँसों को मैं धो चला हूँ. नादान से बचपन को अबतक साथ रखा है,. जहरीले से विचारों को मैं गाड़ चला हूँ. नटखट से मेरे मन को बेलगाम रखा है,. बेबसी की बेड़ियों को मैं तोड़ चला हूँ. नए बुने सपनों को भी आखों में रखा है,. ४१ अच्छे साल.). Subscribe to: Post Comments (Atom). About Me - I Am Who I Am.
*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: January 2014
http://jayantchaudhary.blogspot.com/2014_01_01_archive.html
जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Monday, January 13, 2014. नौका - नाविक. सागर की लहरों पर,. बढ़ती नौका में बैठे,. थपेड़ों से हिलते हुए,. कभी बाएं, तो कभी दाएं,. कभी मद्धम,. और कभी मंथर,. कहीं सुनहरे उजियारे में,. और कभी अंधियारे से घिर कर,. कभी मिली पुरवाई या फिर,. कहीं किसी तूफ़ान में फंसकर,. किन्तु आगे बढ़ते, हुए निरंतर,. किन्तु आगे बढ़ते रहे निरंतर,. आज मुझे,. आभास हुआ,. संसार है सागर,. और जीवन एक नौका।।।. एक नाविक. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). About Me - I Am Who I Am. बेकल उत...
*** जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार ***: August 2010
http://jayantchaudhary.blogspot.com/2010_08_01_archive.html
जयंत चौधरी - मृत्युंजय विचार * *. Saturday, August 28, 2010. मातृभाषा - 1. माननीय पाठकों,. आप सब को मेरा नत-मस्तक प्रणाम,. आज का विषय बहुत सामयिक है।. भाषा किसी भी प्राणी की मूलभूत आवश्यकता होती है।. इसी से हम और आप अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं।. सबसे अहम् बात तो यह है कि, मानवों की प्रगति भाषा विकास के कारण ही संभव हो सकी है।. याने, मानव. पहुँचने. Links to this post. मातृभाषा -२. बिना भाषा के समाज का निर्माण हो ही नह&...उसके बिना समाज या समूह का न...जीवन में जितन&#...Links to this post.
shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com
शहरोज़ का रचना संसार: September 2008
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2008_09_01_archive.html
शहरोज़ का रचना संसार. हमारे बारे. हाल-बेहाल. साहित्य-अदब. नारी-विमर्श. पहला पन्ना. गुरुवार, 4 सितंबर 2008. अनपढ़ क्यों हैं मुस्लिम औरतें. तुमने अगर इक मर्द को पढाया तो मात्र इक व्यक्ति को पढाया। लेकिन अगर इक औरत को पढाया तो इक खानदान को और इक नस्ल को पढाया।. ऐसा कहा था पैगम्बर हज़रत मोहम्मद. ने ।. भारत में महिलाओं की साक्षरता. ४० प्रतिशत है,इसमें मुस्लिम महिला मात्र ११ प्रतिशत. इनके उत्थान के लिए. इसका जिम्मेदार मुल्ला-मौलवी और पुरूष...Posted by शहरोज़. Labels: स्त्री-विमर्श. नई पोस्ट. सैयद शहर...
गुलमोहर: October 2012
http://gullakapni.blogspot.com/2012_10_01_archive.html
राजेश उत्साही. गुल्लक. यायावरी. सोमवार, 1 अक्तूबर 2012. गांधी का रास्ता. राजेश उत्साही. पहले हमने गांधी को पढ़ा. फिर हमने गांधी को गढ़ा. पहले हमने गांधी को मार दिया. फिर हमने गांधी को याद किया. गांधी जी कहते थे. तुम दुनिया में जैसा बदलाव देखना चाहते हो,. पहले वैसा बदलाव स्वयं में लाओ।. हम सब वही कर रहे हैं,जैसी दुनिया बनाना चाहते हैं. वैसे ही अपने को बदल रहे हैं।. हम गांधी के बताए रास्ते पर ही तो चल रहे हैं।. 0राजेश उत्साही. प्रस्तुतकर्ता. राजेश उत्साही. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. मन , एक बदमा...
गुलमोहर: December 2013
http://gullakapni.blogspot.com/2013_12_01_archive.html
राजेश उत्साही. गुल्लक. यायावरी. गुरुवार, 12 दिसंबर 2013. परिचित-अपरिचित. जगहों में. लोग अपरिचितों की तरह बरतते हैं. टकराते हैं. जगहों पर. तो परिचितों की तरह मिलते हैं।. 0 राजेश उत्साही. प्रस्तुतकर्ता. राजेश उत्साही. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: परिचित-अपरिचित. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). गुलमोहर के बहाने. मेरा पहला कविता संग्रह. थोड़ा-बहुत. यायावरी'. गुल्लक'. डॉ उर...
TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE
346
vandana-nanhepakhi.blogspot.com
तितली
आओ बच्चों . शुक्रवार, 6 मार्च 2015. नन्नू आओ माही आओ,. खेलेंगे हम होली. मीठी गुझिया में मम्मी ने,. मेवा-मिश्री घोली. गली गली हुडदंग मचाते,. घूमें नन्हे तारे. अगर ढोल पर ताल बजी तो,. थिरकेंगे मिल सारे. भर पिचकारी तुम ले आओ,. मैं रंगों की थाली. सुर में चाहे चाहे बेसुर,. गायें मिल क़व्वाली. गुब्बारों से दूर रहें हम,. हो बरबाद न पानी. तभी सयाने कहलायें जो,. बात बड़ों की मानी. ता रा रा रा करती घूमे,. इक मस्तानी टोली. मम्मी बोली बस भी कर दो,. होली तो अब हो ली. सार छंद. प्रस्तुतकर्ता. दूर देश से...चंचल चपल ...
"NOSTALGIA" - a collection of short stories
NOSTALGIA" - a collection of short stories. This blog is a collection of short stories by me, an aspiring writer. Hope you relish my stories. Tuesday, March 1, 2011. 8220;Is it a date? 8220;We will decide after meeting”. 8220;No it’s a date”. 8220;It’ll be very weird, we won’t talk and you’ll agree to that later”. 8220;Doesn’t matter if you look half as pretty as you look in the pic”. 8220;Okay, sleep now, , see you tomorrow, ,good night”. 8220;Good night”. Five years back when Bhoomi received a message ...
Vandana Tech Care
Watch Online Movie Here. Postlink]http:/ vandana-techcare.blogspot.com/2011/12/aapki-dushmani-kabool-mujhe.html[/postlink]http:/ www.youtube.com/watch? Aapki dushmani kabool mujhe. Postlink]http:/ vandana-techcare.blogspot.com/2011/12/hum-jante-hai-tum-hame-barbad-karogi.html[/postlink]http:/ www.youtube.com/watch? Hum jante hai tum hame barbad karogi. Postlink]http:/ vandana-techcare.blogspot.com/2011/12/main-pyar-tum-se-hi-kerta-hoon-tum.html[/postlink]http:/ www.youtube.com/watch? The followup to the ...
Vandana Writes | This is the online home of Vandana Singh, writer of speculative fiction
This is the online home of Vandana Singh, writer of speculative fiction. The Woman Who Thought She Was A Planet. Welcome to the website of speculative fiction writer Vandana Singh. Here you can find information about me. My stories, links to reviews, essays on a variety of subjects from fiction and literature to science and social justice, and musings on my blog Antariksh Yatra. Upcoming science fiction story, “Wake-Rider,” in the December issue of Lightspeed. Leave a Reply Cancel reply. You may use these.
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
मुखपृष्ठ. अनुमति जरूरी है. मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये. शुक्रवार, 14 अगस्त 2015. मन के मौन आकाश पर. मेरे मन के मौन आकाश पर. जरूरी तो नहीं टंगे मिलें तुम्हें. हमेशा ही जगमगाते सितारे. ये चाँद की बेअदबी नहीं तो क्या है भला. जो ओढ़कर घूँघट छुपा लेता है चेहरा. सितारों के पक्ष सूने पथ पर. करते हैं जब चहलकदमी. नहीं की जातीं संस्तुतियाँ. फिर मन का मौन हो. या आकाश का पथ सूना . कोई टिप्पणी नहीं:. तब जाकर उसकी योग&...बस फिलह&#...
Bestlife Vandana
අපග ච ර ක. අප හ සම බන ධ ව මට. බ ස ට ලය ෆ වන දන ප රය වට ල ම ටඩ ආයතනයට ඔබ ස දරය න ප ළ ගන ම. අපග ච ර ක. දඹද ව වන දන. ද ල ල වන දන. ව ඩ ද ර ව ස තර සඳහ. වරන ස වන දන. ව ඩ ද ර ව ස තර සඳහ. ත ය ලන ත සඳහම වන දන. ව ඩ ද ර ව ස තර සඳහ. ව ලන කන න ච ර ක. ව ලන කන න ච ර ක. ව ඩ ද ර ව ස තර සඳහ. අපග ද ක ම. අපග පරම ර ථය. ද න ග න ම සඳහ. සභ පත ත ම ග පණ ව ඩය. ස ව වන හ පහස කම. ස ක ෂ ත කර ගත ද. ච ර ක ක ලසටහන. ච ර ක කළමණ කර වන. ද ශ ශක ත සම ජ ස භ ස ධන ම නව හ තව ද ල ක ව ර ප ත ර ලල ත උඩ ගමස ර ය. අජ ත ප රන න ද. ප එච ස නරත.
Vandana Tractors Pvt. Ltd.
Vandana Tractors Pvt. Ltd. Vandana Tractors Pvt. Ltd. M/s Vandna Tractors Pvt. Ltd is established in 1999 as a channel partner of New Holland Tractors for Rajkot Districts. Since 1999, we are committed to ensure customer satisfaction through our qualitative product and after sales service to our valued customers. Design: Shreeji Design Studio.
Vandana
Vandana
SOCIAL ENGAGEMENT